ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं किया था। सेना प्रमुख के अनुसार, यह ऑपरेशन काफी महत्वपूर्ण था और इसे एक विशेष मोबाइल सिस्टम से सुरक्षित किया गया था, जो पूरी तरह से सैन्य स्तर पर एन्क्रिप्टेड था। ऐसा ऑपरेशन की गोपनीयता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए किया गया था। यह इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सेना आधुनिक तकनीकों का सही तरीके से उपयोग करती है, खासकर नाजुक अभियानों के दौरान। इस प्रकार की प्रणाली डेटा लीक होने की किसी भी संभावना को नहीं होने देगी।
Operation Sindoor Sambhav Mobile Ecosystem: हम आपको हमेशा नई-नई टैक्नोलॉजी के बारे में बताते रहते हैं। आज बात करेंगे उस तकनीक का जिसका इंतजार हमारी भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की थी।खुद आर्मी चीफ जनरल द्विवेदी ने इसका खुलाव करते हुए बताया कि Operation Sindoor के दौरान भारतीय सेना ने मेड-इन-इंडिया मोबाइल इकोसिस्टम SAMBHAV का इस्तेमाल किया था।
क्या है मोबाइल इकोसिस्टम SAMBHAV?
दरअसल, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी द्वारा बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान WhatsApp और बाकी चीजें यूज नहीं कर रहे थे। इसकी जगह पर वे कमांड और कम्युनिकेशन के लिए संभव फोन यूज कर रहे थे।
SAMBHAV मोबाइल इकोसिस्टम क्या है?
SAMBHAV मोबाइल इकोसिस्टम का पूरा नाम – सिक्योर आर्मी मोबाइल भारत वर्जन
ये एंड-टू-एंड सिक्योर मोबाइल इकोसिस्टम है, जो 5G टेक्नोलॉजी पर चलता है
इंस्टेंट कनेक्टिविटी इसमें रहती है
एनक्रिप्शन की कई लेयर इसमें है
इसमें M-Sigma एप है जो WhatsApp की तरह ही काम करती है
ये भारत में निर्मित है और पूरी तरह से सिक्योर है
फोटो, वीडियो, डॉक्यूमेंट आदि भेजने के लिए इस्तेमाल होता है
डेटा लीक का खतरा नहीं
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